-श्री चन्द्र ध्यानम्- शंखप्रभं वेणुप्रियं शशांकमीशान मौलिस्थितं मीड्यरूपन । तमीवति चामृतसिक्तग्रात्रमं ध्यायेद् हृदब्जे शशिभंग्रहेन्दम्॥ -चन्द्र उपासना मन्त्र – “ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः -चन्द्र मन्त्र- इस मन्त्र से चालीस हजार जप करने पर चन्द्र देवता का अनिष्ट दूर होता है । “ॐ थीं क्रीं चं चन्द्राय नमः […]
Sadhna
गुरु
गुरु ध्यानम् तेजोमयं शक्तित्रिशूलहस्त सुरेन्द्रसंसेवितपादपद्मम् । मेधानिधि जानुगतद्विबाहुं गुरुं स्मरे मानसपंकजेहम् ॥” -गुरु गायत्री- “ॐ गुरुदेवाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो गुरु प्रचोदयात् ।” – गुरु उपासना मन्त्र- “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” गुरु मन्त्र- “ इस मन्त्र का अड़तालिस हजार जप करने पर गुरु ग्रह के अनिष्ट प्रभाव को नष्ट किया जा सकता है । ह्रीं […]
केतु
केतु ध्यानम्- लांगुल युक्तं भयहं जनानां कृष्णाम्बुभ्रत्संनिभमेकवीरम् । कृष्णांबरं शक्तित्रिशूलहस्तं केतु भजे मानसपंकजेहम् ॥ -केतु उपासना मन्त्र- “ॐ ह्रीं केतवे नमः” -केतु मन्त्र- इस निम्नलिखित मंत्र का २८ हजार बार जप करने पर केतु ग्रह शान्त होता है । ॐ ह्रीं क्रू क्रूररूपिणे केतवे ऐं सौं स्वाहा । […]
दक्षिणा काली
दक्षिणा काली के मन्त्र 1.कीं हूँ ह्रीं। 2.क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा । 3.क्रीं क्रीं क्रीं फट् स्वाहा । 4.क्रीं हूं ह्रीं क्रीं हूँ ह्रीं । 5.क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा : ॥ ध्यान ॥ चतुर्भुजा कृष्णा मुण्ड माला विभूषिताम् । खडगं च दक्षिणे पाणौ विभ्रतीन्दीवर द्वयम् । कर्त्री च खर्परं चैव क्रमाद वामेन […]
भद्रकाली
इनका पूजनादि ध्यान करने से सर्वं भय पलायन कर जाते हैं और चतुर्वर्गीय फलों की प्राप्ति होती है । ॥ ध्यान ॥ क्षुत्क्षमा कोटराक्षी मसि मलिन मुखो मुक्त केशी रुदन्ती । नाहं तृप्ता वदन्ती जगदखिलमिदं ग्रासमेकं करोमि ॥ हस्ताभ्यां धारयन्ती ज्वलदनल शिखा सन्निभं पाश युग्मम् । दन्तंर्जम्बू फलाभैः परि हरतु भयं पातु मां भद्रकाली ॥ […]
श्यामा दक्षिण काली
काली ओज ,तेज,पराक्रम ,विजय और वैभव की देवी हे । इसकी उपासना रक्षा,शत्रुदमन,विजय प्राप्ति ,भय निवारण और समृद्धि-प्राप्ति के उद्देश्य से की जाती हे । महाभागवत मे वर्णित दश महाविधाओ मे महाकाली को ही मूलरूप बतलाकर प्राथमिकता दी गई हे । काली सिद्धि की साधना के लिए सबसे उपयुक्त स्थान श्मशान हे । शमशान एक […]