बुध ध्यानम्-
“सोमात्मजं हंसगत द्विबाहु शंखेन्दुरूप ह्या सिपाशहस्त्रम्
दयानिधि भूषणभूषितांगं बुधं स्मरे मानक-पंकजेहम् ॥
-बुध गायत्री-
“ॐ त्रैलोक्य मोहनाय विद्महे स्मरजनकाय
धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥”
-बुध उपासना मन्त्र-
“ॐ ऐं स्त्रीं श्रीं बुधाय नमः”
-बुध मन्त्र-
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इस मन्त्र को ६८ हजार जप करने पर बुध देव
का अनिष्ट दूर होता है ।
“ॐ ह्रां क्रों ड ग्रहनाथाय बुधाय स्वाहा”