श्री हनुमत् ध्यानम् रामेष्टमित्रं जगदेकवीर प्लवंगराजेन्द्रकृत प्रणामम् । सुमेरूश गागमचिन्त्यामाद्यं हृदि स्मेरहं हनुमंतमीड्यम् ॥ (१) हनुमान्माला मन्त्र- श्री हनुमान जो के सम्मुख इस मन्त्र के ५१ पाठ करे और भोज पत्र पर इस मन्त्र को लिखकर पास में रखले तो सर्व कार्यों में सिद्धि मिलती है । ‘ॐ वज्रकाय वज्रतुण्ड कपिल पिंगल ऊर्ध्वंकेश महाबल रक्तमुख […]