श्री भगवान विष्णु की शक्ति महालक्ष्मी है, किन्तु दस महाविद्याओं में जो कमला नाम की महाविद्या है, वह सदाशिव पुरुष की शक्ति है। इसकी पूजा- उपासना, साधना से वैभव, सम्पत्ति, धन-धान्य, यश व कीर्ति की प्राप्ति होती है। कमला देवी की साधना आरम्भ करने के लिए पहले देवी का चित्र सामने रखें। घर के एक […]
दश महाविद्या
उपयोगकर्ताओं को माता रानी की पूजा करने के लिए मार्गदर्शन करने के लिए नीचे सूचीबद्ध लेख दिए गए हैं
धूमावती
दश महाविद्याओं में सातवीं विद्या देवी धूमावती अत्यंत प्रभावशाली हैं। • सिद्धि-प्राप्ति के निमित्त इनकी साधना सदा रात्रिकाल में ही की जाती है। इन देवी का स्वरूप केवल अद्भुत ही नहीं, बड़ा विचित्र भी है। देवी का आकार नितांत स्थूल है। इनके केश सूखे एवं रूखे हैं। अत्यंत मलिन वेश है। इनका स्वरूप विधवा जैसा […]
छिन्नमस्ता
भगवती छिन्नमस्ता को भगवान शिव की शक्ति माना गया है। दस महाविद्याओं में महाविद्या छिन्नमस्ता अत्यंत गोपनीय तथा भक्तों को बहुत प्रिय हैं। गुरु की आज्ञा से साधना करने पर इन्हें सिद्ध किया जा सकता है। इनके विधान में बताया गया है कि अर्द्धरात्रि में छिन्नमस्ता देवी की साधना से साधक को सरस्वती-सिद्धि प्राप्त हो […]
काली सिद्धि
महाकाली परात्पर नाम से प्रसिद्ध विश्वातीत महाकाल की शक्ति का नाम है। शक्ति सर्वथा शक्तिमान से भिन्न नहीं है। एक ऐसा समय भी था, जब कुछ भी नहीं था, केवल अंधकार मात्र था। वस्तुतः वह अप्रज्ञात तत्व ही महाकाल है। आगम शास्त्रों में महाकाली को प्रथमा, आद्या आदि नामों से सम्बोधित किया गया है। सृष्टि […]
षोडशी
तंत्र में जिन्हें त्रिपुरसुंदरी भी कहा गया है, वह देवी षोडशी दश महाविद्याओं में तीसरी महाविद्या हैं। इनकी कांति प्रातःकालीन उदय होते सूर्य के समान है। प्रातः काल सूर्य उदय हुआ कि उसमें पारमेष्ठय, सोम यानी चन्द्रमा की आहुति हो गई। रुद्र शान्त होकर शिव हो गए। इसी शिव भाव से पूर्ण सूर्य से विश्व […]
भैरवी
भगवती भैरवी दश महाविद्याओं में सर्वाधिक प्रबल विद्या हैं। इनकी साधना द्वारा साधक समाज में सम्मानित स्थान तथा समान अधिकार प्राप्त करता है। ये भी भगवती आद्याकाली का ही स्वरूप हैं। ये शत्रुओं का दलन करने वाली त्रिजगत् तारिणी तथा षट्कर्मों में उपास्या हैं। भगवती को ‘त्रिपुर भैरवी‘ भी कहा जाता है। ये कालरात्रि सिद्ध […]