लक्ष्मीप्रद मन्त्र ” (श्री लक्ष्मी प्रद मन्त्रों को जपने से तीन वर्षों में सिद्धि होती है ।) -लक्ष्मी ध्यानम् लक्ष्मी पद्दसनगतकटिं सूर्यशीतांसुनेता मुद्यदभास्व त्वकरचयरुचिं पद्मशंखासिपाणिम् । नानामुक्तामणिसशकलाभूषितांगां ढिहस्तां नित्यं लोकत्रियफलदां नौम्यहं भक्तिपूर्वकम् । -लक्ष्मी गायत्री- ॐ महालक्ष्मै विद्महे महाश्रियै च धीमहि तन्नो श्रीः प्रचोदयात् । ज्येष्ठा लक्ष्मी गायत्रो- ॐ रक्त ज्येष्ठायै विद्महे नीलज्येष्ठायै धीमहि तन्नो […]
Sadhna
श्री सरस्वती के मन्त्र
बलबुद्धि और स्मरणशक्ति बढ़ाने वाले मन्त्रों का उल्लेख किया जा रहा है। ये अनुभूत सत्य है कि विद्यार्थियों के लिए विद्या प्राप्ति में ये मन्त्र पूर्ण प्रभावशाली हैं। सरस्वती मंत्र ४ वर्षों में फलीभूत होते हैं और इनके भेद निम्नलिखित प्रकार से हैं- -सरस्वती ध्यानम् वाणीं पूर्णनिशाकरोज्जवलमुखीं कर्पू रकुन्दप्रभा, चन्द्रार्धाकिंतमस्तकां निजवःरैः संबिभ्रतीमादरात्. वर्णामक्षगुणं सुधाढ्य कलशं […]
श्री हनुमान जी के मन्त्र
श्री हनुमत् ध्यानम् रामेष्टमित्रं जगदेकवीर प्लवंगराजेन्द्रकृत प्रणामम् । सुमेरूश गागमचिन्त्यामाद्यं हृदि स्मेरहं हनुमंतमीड्यम् ॥ (१) हनुमान्माला मन्त्र- श्री हनुमान जो के सम्मुख इस मन्त्र के ५१ पाठ करे और भोज पत्र पर इस मन्त्र को लिखकर पास में रखले तो सर्व कार्यों में सिद्धि मिलती है । ‘ॐ वज्रकाय वज्रतुण्ड कपिल पिंगल ऊर्ध्वंकेश महाबल रक्तमुख […]
कमला सिद्धि
श्री भगवान विष्णु की शक्ति महालक्ष्मी है, किन्तु दस महाविद्याओं में जो कमला नाम की महाविद्या है, वह सदाशिव पुरुष की शक्ति है। इसकी पूजा- उपासना, साधना से वैभव, सम्पत्ति, धन-धान्य, यश व कीर्ति की प्राप्ति होती है। कमला देवी की साधना आरम्भ करने के लिए पहले देवी का चित्र सामने रखें। घर के एक […]
धूमावती
दश महाविद्याओं में सातवीं विद्या देवी धूमावती अत्यंत प्रभावशाली हैं। • सिद्धि-प्राप्ति के निमित्त इनकी साधना सदा रात्रिकाल में ही की जाती है। इन देवी का स्वरूप केवल अद्भुत ही नहीं, बड़ा विचित्र भी है। देवी का आकार नितांत स्थूल है। इनके केश सूखे एवं रूखे हैं। अत्यंत मलिन वेश है। इनका स्वरूप विधवा जैसा […]
छिन्नमस्ता
भगवती छिन्नमस्ता को भगवान शिव की शक्ति माना गया है। दस महाविद्याओं में महाविद्या छिन्नमस्ता अत्यंत गोपनीय तथा भक्तों को बहुत प्रिय हैं। गुरु की आज्ञा से साधना करने पर इन्हें सिद्ध किया जा सकता है। इनके विधान में बताया गया है कि अर्द्धरात्रि में छिन्नमस्ता देवी की साधना से साधक को सरस्वती-सिद्धि प्राप्त हो […]