विवरण
- मूंगा पदार्थ (mineral) नहीं है। यह एक तरह का ओरगेनिक कम्पाउंड
(Organic compound) होता है। समुद्री पौधों पर कोरल रीफ (coral reefs)
जमा होने से यह बनते हैं। यह कड़े व नर्म (Hard & soft) दोनों प्रकार के
होते हैं। समुद्री सतह पर पौधों पर जब सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो फोटो
सेन्थेसिज (Photo senthasis process) क्रिया से व समुद्र के नमकीन पानी
का पौधों पर जमाव होने से यह बनते हैं। इनके रंगों का बनना इनके पाए
जाने के स्थान व वहां की जलवायु (climate) पर निर्भर करता है।
ज्योतिष अनुसार यह मेष (Aries) और वृश्चिक (Scorpio) राशि के
स्वामी मंगल को सम्बोधित करता है। इसे अंगारका और भूमिपुत्र के नाम से
भी पुकारते हैं। यह मेष राशि वालों के लिए जीवन रत्न है। मेष राशि अर्थात्
धनात्मक मंगल। जिन व्यक्तियों का जन्म 9. 18 व 27 दिनांक में हुआ है
वह भी इसे धारण कर सकते हैं और जिनका जन्म 20 मार्च से 21 अप्रैल
में हुआ है वह भी इसको पहन सकते हैं लेकिन जिनका जन्म 4, 13, 22,
31 व 8, 17, 26 दिनांक में हुआ है वह इसे धारण न करें। उनको यह लाभ
के स्थान पर हानि पहुंचाएगा।
कार्य (Profession) : यह रत्न सेना, पुलिस, सर्जन, मशीनों पर कार्य
करने वाले, सुरक्षा संबंधी कार्य करने वाले, कसाई, खिलाड़ियों आदि के लिए
पहनना लाभदायक है। इसके पहनने से यह उत्तेजित हो जाते हैं।
स्वास्थ्य (Health) : यह शरीर में ‘मणिपुर चक्र’ (Pancreas Gland) से
सम्बन्धित रोगों से संबंध रखता है। जिनमें मुख्य रूप से पीलिया, चिड़चिड़ापन,
पाचन प्रतिक्रिया, कमर व रीड़ की हड्डी का दर्द घुटने व टांगों का दर्द
इत्यादि। मेष लग्न यह अग्नि तत्त्व होने के कारण शरीर पर गर्म प्रभाव रखता
है जिससे शरीर की अकड़न व दर्दों में आराम मिलता है। लेकिन वृश्चिक
राशि जल-तत्त्व है इसलिए वृश्चिक लग्न वालों को मूंगा नहीं पहनना चाहिए।
आयुर्वेद में इसकी भस्म का प्रयोग किया जाता है।
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