विवरण
यह बृहस्पति ग्रह से संबंधित है। बृहस्पति ‘अंगिरा ऋषि’ का पुत्र है।
संस्कृत में पुखराज को कई नामों से जाना जाता है जैसे गुरु रत्न, पुष्प राजा,
वल्लबा, आर्या, जीव, वाचस्पति, सूर्य गुरु, सूरी, देव गुरु, अंगिराज आदि। यह
एल्यूमीनियम ऑक्साइड से बना है। ज्योतिष में धनु व मीन राशि का स्वामी
बृहस्पति ग्रह है। इसलिए धनु व मीन राशि में जन्में व्यक्ति पुखराज धारण कर
सकते हैं इनके लिए यह जीवन रत्न है। जिन व्यक्तियों का जन्म 3, 12, 21
व 30 दिनांक में हुआ है, वह भी इसे धारण कर सकते हैं और जिनका जन्म
21 नवम्बर से 20 दिसम्बर व 19 फरवरी से 20 मार्च के बीच हुआ है, वह
भी इसे धारण कर सकते हैं। व्यक्ति जिनका जन्म 8, 17 व 26 दिनांक में
हुआ है वह इसे धारण न करें उनके लिए यह शुभफलदायी नहीं है।
कार्य (Profession) : यह पढ़ने-पढ़ाने के कार्य, न्यायालय में जज,
प्रोफेसर, बिशप, पुजारी, स्कूल व कॉलेज के कार्य, शाकाहारी भोजनालय
या होटल, सोने के व्यापारी, बड़े उद्योगपति व शासकों से संबंधी कार्यों के
लिए बहुत शुभ है।
स्वास्थ्य (Health) : शरीर में यह ‘विशुद्धि चक्र’ (Thyroid) थाईराइड
ग्रन्थि से संबंधित रोगों से जुड़ा है जिनमें मुख्य रूप से गले से संबंधित,
मोटापा, वजन का बढ़ना व किडनी में पथरी जैसी बीमारियां हैं।
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