शुक्र ध्यानम्-
संतप्तकांचननिधं द्विभुजं दयालु
पीताम्बरं धृतसरोरुहद्वंद्व शूलम् ।
क्रौंचासनं चासुरसेव्यपाद शुक्र
स्मरे त्रिनयन हृदयाम्बुर्ब्रहम् ||
शुक्र उपासना मन्त्र-
“ॐ ह्रीं श्रीं शक्राय नमः”
-शुक्र मन्त्र – (१) –
इस मंत्र का आठ हजार जप करके दूध से हवन
करने पर धातु विकार का रोग जाता रहता है ।
– शुक्र
“ॐ वस्त्रं मे देहि शुक्राय नमः”
शुक्र मंत्र – (२)-
इस मन्त्र का ८० हजार जप करने से शुक्र ग्रह
शांत होता है और दूर की यात्रा सफल होती है
“ॐ ऐं ज गीं ग्रहेशवराय शुक्राय नमः