अंक ज्योतिष अपने-आप में एक नवीन विकसित विज्ञान है, जिसका पूरा आधार गणित और उससे निसृत फल है। इसका मूल आधार किसी भी व्यक्ति की जन्म तारीख आदि से है । इससे पूर्व भारतीय ज्योतिष विज्ञान में दो पद्धतियाँ विशेष रूप से प्रचलित थीं जिनमें एक जन्म-कुण्डली से भविष्य-विवेचन तथा दूसरा हाथ की रेखाओं से […]
वास्तुशास्त्र
मकान बनवाया या बना-बनाया फ्लैट खरीदा, उसे सजाने-संवारने आदि के लिए काफी पैसा खर्च किया,फिर भी मकान में रहनेवालों को सुख-शांति नहीं मिली। वास्तु शांति की, सभी धार्मिक विधियां अपनाईं, कुलपरंपरा के अनुसार धार्मिक क्रिया-कलाप विद्वान पंडितों से करवाए, फिर भी हमारा नया मकान सुख-शांति नहीं देरहा है। न घर में धन-दौलत की बरकत है, […]
कालसर्पयोग
ग्रहों का एकीकरण जब जन्मकुन्डली के किसी स्थान में होता है तो ऐसी स्थिति को ‘योग’ कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में योगों का बड़ा महत्त्व माना गया है। जन्मकुण्डली में सभी ग्रह राहू और केतू की एक ही बाजू में स्थित हों तो ऐसी ग्रहस्थिति को ‘कालसर्पयोग’ कहते हैं। कालसर्पयोग एक भयानक योग है। […]
तन्त्र क्या है ?
साधना एवं मानव की इच्छापूर्ति के धार्मिक मार्ग तीन प्रकार के हैं। तन्त्र, मन्त्र और यन्त्र साधना एवं इच्छापूर्ति का प्रत्यक्ष मार्ग तन्त्र है। है तो यह बहुत कठिन। किन्तु साधक के लिये यह एक व्यावहारिक मार्ग है। ज्ञान, भक्ति, योग और कर्म इसमें सम्मिलित हैं। इसके द्वारा साधक भोग और योग दोनों प्राप्त कर […]
मन्त्र सिद्धि हेतु विविध नियम
मन्त्र सिद्धि के लिये विशेष रूप से हमारे तान्त्रिक गुरुओं ने आसन, माला, दिशा, समय का उल्लेख किया है जिसे जाननाअनिवार्य है। इस प्रकार प्रयोग करने पर मन्त्र सिद्ध शीघ्र होता है तथा जागृत होता है ।–१. आसन – आकर्षण, वशीकरण कर्म हेतु व्याघ्र चर्म का आसन, उच्चाटन के लिये ऊँट चर्म का आसन, विद्वेषण […]
तन्त्र क्या करता है?
• तन्त्र में दो प्रकार के मार्ग हैं- दक्षिण मार्ग एवं वाम मार्ग।• दोनों प्रकार की तान्त्रिक सिद्धियाँ की जाती हैं। शीघ्र सिद्धि वाम मार्ग के रास्ते से मिलती है। यह मार्ग पूर्णतः श्मसानीक तथा पैशाचिक मार्ग है। औघड़ इत्यादि इसी मार्ग के साधक होते हैं। वस्तुतः वाम मार्ग अच्छा बुरा में भेद नहीं करता […]